सिद्धार्थनगर। यह वर्ष पुलिस के लिए प्रशिक्षण का है। प्रदेश में दो चरणों एक लाख पुलिसकर्मियों की भर्ती की जाएगी। साथ ही प्रदेश में तीन महिला बटालियन की स्थापना होगी। एक अतिरिक्त पीएससी बटालियन शामली में स्थापित होगी। नए रंगरूटों की ट्रेनिंग के लिए जालौन और सुल्तानपुर में दो सेंटर खोले जाएंगे।
यह जानकारी बुधवार को पुलिस लाइंस में प्रेसवार्ता में डीजीपी ओमप्रकाश सिंह ने दी। वह क्राइम ब्रांच कार्यालय का उद्घाटन करने आए थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 2017 की तुलना में 2018 में हर प्रकार के अपराध में कमी आई है। प्रदेश भर में 71 अपराधियों का एनकाउंटर हो चुका है। इनमें 28 अपराधियों पर एक लाख का इनाम था। 7,480 बड़े अपराधी गिरफ्तार किए गए। 2000 से अधिक अपराधी जमानत निरस्त करा चुके हैं। महिला अपराध रोकने के लिए 51 लाख व्यक्तियों को चेक किया गया। 20 लाख लोगों को चेतावनी दी गई। तीन लाख 42 हजार लोगों को हिरासत में लिया गया। एक लाख 41 हजार लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई। प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुए। गैंगस्टर एक्ट के तहत 10,383 पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन मुस्कान, बेटियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण और ऑपरेशन डिस्ट्राय अभियान चलाना काफी मददगार साबित हुआ।
एनएसजी व एटीएस करेगी कुंभ मेले की निगरानी
डीजीपी ने बताया कि कुंभ मेले के लिए 40 थाने बनाए गए हैं। इतने ही आउटपोस्ट खोले गए हैं। इंट्रीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम लगाए गए हैं जो आपातकालीन स्थिति में भीड़ को नियंत्रित करेंगे। यही नहीं, 15 खोया-पाया सेंटर खोले गए हैं। पार्किंग को सेटेलाइट सिटी की तरह डेवलप किया गया है, जिसमें सभी तरह की सुविधाएं मिलेंगी। आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए एटीएस व एनएसजी कमांडो की तैनाती की जाएगी। केंद्र से हेलीकॉप्टर और अतिरिक्त फोर्स की भी डिमांड की गई है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि डेढ़ वर्षों में प्रदेश में एसटीएफ का काफी विस्तार हुआ है। एसटीएफ ने सॉल्वर गैंग व नकल माफिया पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कइयों को जेल भेजा है। कई कुख्यात अपराधियों को पकड़ा है। स्लीपर माड्यूल तक पर काम किया है।
साइबर क्राइम से बचाव के लिए खुलेगी प्रयोगशाला
डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि साइबर क्राइम से बचाव के लिए लखनऊ में जल्द ही प्रयोगशाला खोली जाएगी। इसमें पुलिस कर्मियों से लेकर अधिकारियों तक को प्रशिक्षण दिया जाएगा। भविष्य में सभी केस डायरी ऑनलाइन होंगी ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।
सोशल मीडिया पर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक बनी पहचान
सोशल मीडिया पर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश के लोगों की मदद की जा रही है। फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से विदेश में बैठे यूपी के लोग मदद मांगते हैं, उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस सहायता उपलब्ध कराती है। प्रदेश भर में ढाई लाख डिजिटल वालंटियर तैयार किए गए हैं जो सोशल पार्ट का हिस्सा हैं।